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ऑस्ट्रेलिया के सात विकेट 91 रन पर गिरने के बाद कप्तान पैट कमिंस जब बल्लेबाजी के लिए आए तो उनका लक्ष्य किसी तरह 200 रन तक पहुंचना था ताकि बांग्लादेश के खिलाफ वर्ल्ड कप के आखिरी लीग मैच से पहले नेट रनरेट बेहतर रहे। लेकिन ग्लेन मैक्सवेल कुछ और ही सोचकर उतरे थे। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने दूसरे छोर से वनडे क्रिकेट इतिहास की बेस्ट पारी देखी। मैक्सवेल 128 गेंद में 201 रन बनाकर नाबाद रहे और अपनी टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया।
कमिंस ने मैच के बाद कहा, ‘जब मैं क्रीज पर उतरा तो मेरे दिमाग में था कि नेट रनरेट के लिए जैसे-तैसे 200 रन बना लेते हैं। मैक्सवेल के 100 होने पर मुझे लगा कि हमें 120 रन ही और बनाने हैं, लेकिन जीत का ख्याल तो मेरे जेहन में था ही नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘मैक्सवेल थोड़ा अलग है। वह हमेशा जीतने के लिए खेलता है। मैं किसी तरह 200 तक पहुंचने की सोच रहा था तो वह जीत की उधेड़बुन में था।’
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ऑस्ट्रेलिया के 250 रन पर पहुंचने के बाद कमिंस को लगा कि चमत्कार हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘स्पिनरों के ओवर होने के बाद जब 40 के करीब रन चाहिए थे तो मुझे लगा कि यहां से मैक्सवेल आउट भी होता है तो हम शायद जीत सकते हैं। आखिरी 20 मिनट में ही मुझे ऐसा लगा।’ मैक्सवेल के दाएं पैर में मोच आ गई थी और कई बार मेडिकल टाइम आउट लेना पड़ा, लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने अनहोनी को होनी कर दिया।
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उन्होंने कहा, ‘मैक्सवेल तेजी से रन बना रहा था। हमें पता था कि यह विकेट आसान होती जाएगी। मैक्सवेल के क्रीज पर रहते रनरेट कोई मसला ही नहीं लगा। यह पूरा वन मैन शो था और उसने जीत आसान कर दी।’ ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने हालांकि स्वीकार किया कि वे अभी तक इस वर्ल्ड कप में एक यूनिट के रूप में बेस्ट खेल नहीं दिखा सके हैं। उन्होंने कहा, ‘टीम के प्रदर्शन से मैं खुश हूं। धीमी शुरुआत के बाद हमने लय पकड़ ली लेकिन अभी तक एक यूनिट के रूप में अच्छा खेल नहीं दिखा सके हैं।’
